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निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के तत्वावधान में निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा आज 75वें दिन जनपद आगरा में पहुँचने पर भव्य स्वागत किया गया। निषाद पार्टी-राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मा० कैबिनेट मंत्री (मत्स्य विभाग) उ०प्र० सरकार डॉ संजय कुमार निषाद जी के नेतृत्व में मछुआ समाज के एससी आरक्षण को लेकर संवैधानिक अधिकार यात्रा निकाली जा रही है।
श्री निषाद जी ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि संवैधानिक अधिकार यात्रा आज 75वें दिन जनपद आगरा पहुँची हैं और मछुआ समाज के युवाओं का जोश देखकर पता चल रहा है मछुआ समाज आरक्षण के मुद्दे पर निषाद पार्टी और डॉ संजय निषाद के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे तो लग रहा है कि प्रदेश के सभी जनपदों के युवाओं की आपस में होड़ लगी हुई कि हम एक दूसरे से ज़्यादा समर्थन देकर निषाद पार्टी और डॉ संजय को मछुआ एससी आरक्षण के मुद्दे पाए मज़बूत करेंगे। आज जनपद आगरा के युवाओं का जोश मछुआ आरक्षण के मुद्दे पर निषाद पार्टी को और बल देगा।
उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के विभीषण निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा का विरोध पूरे तन-मन-धन से कर रहे हैं, क्योंकि विभीषण ये पचा नहीं पा रहे हैं कि आख़िर कैसे मछुआ समाज आरक्षण के मुद्दे पर निषाद पार्टी के साथ लामबंद हो रहा है। मछुआ समाज के विभीषण अब नये नये तरीक़े से विरोध कर रहे हैं कल सोशल मीडिया पर प्रिंट मीडिया द्वारा संवैधानिक अधिकार यात्रा को मिल रहे जनसमर्थन पर निकली खबरों का हवाला देकर लिख रहे थे कि “क्या जनपद में आरक्षण मिलेगा?” उन्होंने कहा कि विभीषणों के पेट में दर्द हो रहा है कैसे आज प्रदेश का मछुआ समाज निषाद पार्टी के बैनर तले लामबंद हो रहा है उन्होंने कहा कि जो कभी कुछ कर नहीं पाये वो मुफ़्त की सलाह देकर समाज का समय ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं अगर ज़रूरत पड़ी तो जीवन की अंतिम सांस तक जनपद के दौरे कर करके निषाद समाज के आरक्षण के मुद्दे पर समाज को जागरूक करने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि आज विपक्ष ही नहीं सत्ताधारी दल के विभीषण भी चाहते हैं कि निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा को किस प्रकार से रोका जाये? श्री निषाद जी ने मछुआ समाज को आश्वस्त किया की मछुआ समाज के हक़-हकुक के लिए निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा किसी भी सूरत में रुकने वाली नहीं है, *“श्री निषाद जी महान क्रांतिकारी पंडित राम प्रसाद बिस्मिल की पंक्तियों से युवाओं का जोश बढ़ाते हुए कहा कि सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाजूए कातिल में हैं? करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में हैं।”* मछुआ एससी आरक्षण के मुद्दे पर अब निषाद समाज आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं और केंद्र व राज्य सरकार को मछुआ समाज के विभीषण से बचकर मछुआ समाज के बहुलंबित एवं बहुप्रतीक्षित मछुआ एससी आरक्षण पर अपना रुख़ स्पष्ट करना ही होगा। उन्होंने कहा कि वो नहीं चाहते 2024 लोकसभा की तरह मछुआ समाज आगामी विधानसभा में कहीं भाजपा से दूर नहीं हो जाये? केवट जिसकी पतवार सम्भालता है वो उस नाव को डूबने नहीं देता हैं, आज मछुआ समाज बीजेपी की पतवार लेकर चल रहा है वो नहीं चाहते हैं कि विभीषण भाजपा की नाव को डुबो कर ही माने, क्योंकि ये वो ही विभीषण है जो सपा-बसपा-कांग्रेस के नाव को डुबो को भाजपा में आये हैं। निषाद समाज आज भाजपा की ओर अपने आरक्षण के मुद्दे पर एक टक देख रहा है क्योंकि वो जानते हैं जिस प्रकार राम मंदिर और धारा 370 हटी, अपर कास्ट को आवश्यक आरक्षण एवं महिला आरक्षण मिला है उसी प्रकार जल्द ही मछुआ समाज का आरक्षण का मुद्दा भी हल होगा, जिससे मछुआ समाज की भी गरीबी खत्म होगी और विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जायेगा।